Saturday, May 23, 2015

Mehfil- Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-15

Mehfil- Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-15

नही थे पैसे एक दिन पीने के लिए तो यूं किया ,.,
डूबोई उनकी तस्वीर पानी में, और घूंट घूंट पी लिया,.,!!!



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मैंने मुल्कों की तरह लोगों के दिल जीते हैं...
ये हुकूमत किसी तलवार की मोहताज नही….!!



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पर तेरे नाम पे तलवार उठाई किसने,
बात जो बिगड़ी हुई थी बनाई किसने..,!!!




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टल ना सकते गर जंग में अड़ जाते थे,
पाँव शेरों के भी मैदां से उखड़ जाते थे.,.,!!!




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क्या क्या ख्याल-ओ-वहम निगाहों पे छा गये ।
जी धक से हो गया, ये सुना जब वो आ गये,.,!!!




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शाम कबकी ढल चुकी है इन्तज़ार में…
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बहुत है…!!!
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इस कदर मिला मुझे, कि मुझमें ही वो खो गया।
अब मेरी तनहाइयों में, वो भी शामिल हो गया।।




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तारीख़ हज़ार साल में बस इतनी सी बदली है ,.,
तब दौर पत्थरों का था अब लोग पत्थरों के ,.,!!!



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हर सज़ा छोटी है तुम्हारी इन कातिल निगाहों के लिए,
कत्ल भी तो हज़ारों का तुम हर रोज़ करते हो,.,!!!



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क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के...
कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के...!!!



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हम मरेगें भी तो उस अंदाज से,.,
जिस अंदाज में लोग जीने को भी तरसते है,.,!!!



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हम भी बाशिंदे हैं तेरी आँखों के समंदर के।
ईसीलिये घबराते हैं तेरे अश्कों के बह जाने से।।



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बदनाम मे भी नाम है
और यह तो बेमतलब का इल्ज़ाम है,.,!!!




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इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है ,.,
गम देके वो पूछे हैं कोई गम तो नहीं हैं ,.,!!

चल मान लिया तेरा कोई दोष नहीं था ,.,
हालाँ की दलीलों में तेरी दम तो नहीं हैं ,.,!!



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लफ़्ज़ों को यूं कम ना आंकिये साहब ..
चंद जो इक्कठे हो जाएँ तो शेर हो जाते हैं,.,!!!



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तू अचानक मिल गई तो कैसे पहचानुंगा मैं,
ऐ खुशी.. तू अपनी एक तस्वीर भेज दे....!!!!



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सड़क बहुत शोर करती है
खामोशी फुटपाथ पर डेरा डाले रहती है,.,!!!!




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उस शख़्स को बिछड़ने का सलीका भी नहीं,
जाते हुए खुद को मेरे पास छोड़ गया,.,!!!



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घर में झीने रिश्ते मैंने लाखों बार उधड़ते देखे
चुपके चुपके कर देती थी जाने कब तुरपाई अम्मा !!



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बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी....
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है.,.,!!!



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रियासत तो आती जाती रेहतती हे मगर,.,
बादशाही करना तो लोग हमसे सिखते हे,.,!!!!



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बहाना मिल न जाये बिजलियों को टुट पडने का
कलेजा कांपता है आशियां को आशियां कहते,.,!!!



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किसे परवाह है बिजलियों के गिरने की।
खाक होने को जब आशियाना ही न रहा।।



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मै... मै हूँ...तुम तुम हो...और दुनिया खूबसूरत है
अब बताओ कि क्या.....किसी और की जरूरत है..!!!



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मैं दुनिया के जलने का इंतजाम कर आया,
तू ही इश्क मेरा , ये खुले आम कह आया,.,!!!



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मै आ रहा हूँ , इश्क का सामान रख लेना.,.,
कमरे मे छुपा कर जहर का जाम रख लेना.,.,!!!!



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कुछ अलग सी है जलन
मेरी और तुम्हारी
तुम जले
जलाकर ख़ाक कर गये
मै जला
जहां रौशन कर गया,.,!!



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या तो है देखने में नजर का कसुर
या कुछ बदल गया है जमाने का हाल,.,!!



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घर मेरा जलता रहा,जंगल की तरह
लोग देखा किये,बारुद के बादल की तरह,.,!!




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हाथ फैलाए खड़े थे दोनों ही फुटपाथ पर
चीथड़ों में एक था और दूसरा वर्दी में था.,.,!!!



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दिल से ही हुक्म लेते है दिल से ही सबक लेते है
आशिक कभी उस्तादो की माना नही करते.... !!



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जलना आदत है उनकी..... पिघलना मेरी कमजोरी..!!


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तेरी यादोँ के 'नशे' मेँ, अब 'चूर'हो रहा हूँ...
लिखता हूँ 'तुम्हेँ' और,'मशहूर' हो रहा हूँ...!!



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इतना आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ ,
शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे ,.,!!



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हवस ने पक्के मकान , बना लिये हैं जिस्मों में .
सच्ची मुहब्बत किराये की झोपडी में , बीमार पड़ी है आज भी.!!



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क़ैद ख़ानें हैं , बिन सलाख़ों के...
कुछ यूँ चर्चें हैं , तुम्हारी आँखों के...!!!


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हैसियत की बात ना कर, तेरी जेब से बड़ा मेरा दिल है..!!!


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तुम बिन मेरी जात अधूरी, जैसे कोई बात अधूरी ,
हिज्र के सारे दिन पूरे, लेकिन है हर रात अधूरी,.,!!!



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कोहरे की चादर बिछा कर वो आसमान ओढ़ लेते है
ओस की बूंद से प्यास बुझाकर गरीब फुटपाथ पर सो लेते है .,.!!!


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मंज़िल की तलाश में सड़कों को रौंद रहे हैं,
दो टके की नौकरी में जीवन को ढूंढ रहे हैं,.,!!!


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जो पर्दे में खुद को छुपाये हुए है ,
वही तो कयामत उठाये हुए है .!!!!



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हुस्न के तेवर नुकीले हो गए इश्क़ के सब जोड़ ढीले हो गए
हो गए कुछ लेट हम इज़हार में और उनके हाथ पीले हो गए,.,!!



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चलो दुश्मन से मुलाकात करे
नए साल में नयी बात करें
मज़हब के नाम पे क्यों दंगा फसाद
यही सवालात हर शक्श से आज करें ,.,!!!
.


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एक चिन्गारी नज़र आई थी बस्ती मेँ उसे
वो अलग हट गया आँधी को इशारा करके
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूँद भंवर है जिसकी
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके,.,!!!



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कौन कहता है वक़्त मरता नहीं..
हमने सालों को ख़त्म होते देखा दिसंबर में,.,!!!
 

Tu mujhe neend me bula to sahi- Best Urdu Ghazal

Tu mujhe neend me bula to sahi- Best Urdu Ghazal
तू मुझे नींद में बुला तो सही
क्या पता तेरा ख़्वाब हो जाऊँ,.,

दिल की नज़रों से गर पढ़े मुझको
आसमानी किताब हो जाऊँ,.,

अपने होंठों से मुझको चख तो जरा
मैं भी शायद शराब हो जाऊँ,.,

छोड़ कर दिल, दिमाग की मानूं
मैं भी हाज़िर जवाब हो जाऊँ,.,

उम्र मुझको बना ले गर अपनी
रात-दिन का हिसाब हो जाऊँ...!!!

Mehfil- Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-17

Mehfil- Royal (Nawabi) Urdu Sher, 2 Liners, Shayri, Kavita, Ghazal, Shayri Collection in Hindi Font Part-17

कुछ दिनों की बेकरारी, कुछ ही दिनों का रोना था।
आखिर पत्थर दिल को, पत्थरों के साथ ही होना था।।

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कुछ होते हैं काबिल जो शेर सुना करते हैं ,.,
कुछ होते हैं आशिक़ जो ग़ज़ल कहा करते हैं ,.,!!!

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खुले थे दिल के दरवाज़े.. मोहब्बत भी चली गयी !!

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तेरी नफरतों ने आज मेरा जीना आसाँ कर दिया
 तेरी मोहब्बत में तो जीना दुश्वार ही था मेरा,.,!!

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सुलझा रहा हूँ एक एक करके सारी उलझनें,
जाने क्या होगा जब इश्क से सामना होगा ..!!!

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कभी जो मिले फुरसत तो बताना ज़रूर ऐ जालिम.....
वो कौनसी मुहब्बत थी, जो हम तुम्हे दे
ना सके...!!!

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ये किसको फिक्र है क़बीले का क्या होगा ??
सब इसपे लड़ रहे हैं के "सरदार कौन होगा ??

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उनकी छत पर गये थे हम कटी हुई पतंग लुटनै
नज़रे मिल गयी उनसै और
वो कहने लगी
'सुनो तुम '
पतंग लुटनै आयै हौ या दिल .....!!!

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ये सारा खेल था जो वक्त के शातिर ने खेला है,
न कुछ उसकी ख़ता है, न कुछ अपनी ख़ता है ..!!!

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माँ..
फिर से मुझे मेरा बस्ता दे दे,.,
के दुनिया का दिया सबक बहुत मुश्किल है ....!!

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ढूंढी हमने खुशबू बोतलों मे कई बार,.,
शायद आज भी नही मिलती बाजार में महक तेरे बालों की,.,!!!

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मुद्दत से उस की छाँव में बैठा नहीं कोई,.,
वो सायादार पेड़ इसी ग़म में मर गया,.,.!!!

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अपने खेतों से बिछड़ने की सज़ा पाता हूँ,.,
अब मैं राशन की क़तारों में नज़र आता हूँ,.,!!!

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ख्वाइश बस इतनी सी हें की तुम मेरे लफ्ज़ो को समजो
आरज़ू ये नहीं की लोग वाह वाह करे.!!

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क्या उस गली में कभी तेरा जाना हुआ,
जहाँ से जमाने को गुजरा जमाना हुआ.....???

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आज़ाद परिंदा बनने का मज़ा ही कुछ और है,
अपने शर्तो पे ज़िन्दगी जीने का नशा ही कुछ और हैं .!!

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राख पर अब उनकी लहराएँ समंदरभी तो क्या..
सो गए जो उम्र भर हसरत लिए बरसात की,.,!!!

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मुझे ऊंचाइयों पे देख कर हैरान हैं बहुत लोग ,.,
पर किसी ने मेरे पैरों के छाले नहीं देखे ,.,!!!

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किस रावण की काटूं बाहें,
किस लंका को आग लगाऊँ,.,
घर घर रावण पग पग लंका,
इतने राम कहाँ से लाऊँ,.,.!!!

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सहारा लेना पड़ता है दरिया का,
मैं कतरा हूँ, अकेले बह नहीं सकता..!!!

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मोहब्बत और नफरत में कोई अंतर नही
तुझे देखता हूँ तो दोनों एक से लगते है ...!!!

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काफ़िर तेरी निगाह ने वोह काम कर दिया
पीने-- लगा- जो ज़हर- उसे जाम कर दिया,.,!!

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वो जहर देता तो सबकी नज़र में आ जाता,.,
फिर यूँ किया उसने कि वक्त पर दवा न दी,.,!!!

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अब आओ कलेजे से लिपट कर मेरे सो जाओ,.,
बाहर कहाँ जाओगे बड़ी सर्द हवा है ,.,.!!!

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फितरत किसी की यूँ ना आजमाया कर..
हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है...।।!

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बीच सड़क पर क्यु चलती हैं तु पतली कमर लहरा के ,.,
खुद भी मरेगी मुझे भी मरवायेगी मेरी गाड़ी नीचे आके ,.,!!!

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बदल चुके हैं मौहल्ले के सभी कोने,,
मेरे बचपन का आखरी निशां भी गया !!

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फरेबी भी हूँ,जिद्दी भी हूँ,
और पत्थर दिल भी हूँ,
मासूमियत खो दी है मैंने,
वफा करते करते..!!

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तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन,,
इसी उम्मीद में जख्म संभाले है अब तक,.,!!!

Friday, May 22, 2015

Tujhse door bhi hu aur pass bhi, Kehne ko khush bhi hu aur udaas bhi- Hindi Kavita Altaf Khan

Tujhse door bhi hu aur pass bhi, Kehne ko khush bhi hu aur udaas bhi- Hindi Kavita Altaf Khan
तुझसे दूर भी हूँ मैं  और पास भी 
कहने को खुश भी हूँ मैं और उदास भी ,.,

न जाने क्या हो रहा है इन दिनों 
नफरत भी तू ही है और प्यारा एहसास भी ,.,

कब तक मैं फिरता रहूँ इस रेगिस्तान में 
कड़कती धुप भी तू है और मन की प्यास भी ,.,

 सब भूल कर तुझे अपना तो बना लूँ मैं 
पर दुश्मन भी तू है और खास भी ,.,

जितना सोचूं उतनी नफरत , जितना भूलूँ उतना प्यार 
बीता हुआ कल भी तू है , आगे का कयास भी ,.,

किस मर्ज की ,किस हक़ीम से क्या दवा लूँ ?
दवा भी तू , दुआ भी तू और आने वाली सांस भी ,.,

कौन आये ग अब उन दरवाजों के पीछे देखने मुझे 
मैं तेरे शहर से काफी दूर भी हूँ और पास भी ,.,!!!!

                                                                  


Tujhse door bhi hun aur pass bhi
Kehne ko khush bhi hun aur udaas bhi

Na jaane kya ho rha hai in dino
Nafrat bhi tu hai aur pyara ehsaas bhi

Kab tak firta rahu is registan me
Kadakti dhoop bhi tu aur man ki pyaas bhi

Sab kuchh bhool kar tujhe apna to bana lun main
Par dushman bhi tu hai aur khaas bhi

Jitna sochun utani nafrat, jitna bhoolun utna pyar
Beeta hua kal bhi tu hai aur aage ka kayas bhi

Kis marj ki , kis hakeem se kya dawa lun ?
Dawa bhi tu , dua bhi tu aur aane wali saans bhi 

Kaun aaye ga ab un darwajon ke peechhe dekhne mujhe
Main tere shehar se kaafi door bhi hun aur paas bhi 

Har Shaksh Mera saath nibha nahi sakta- Best Urdu Ghazal by Nida Fazil in Hindi Fon

Har Shaksh Mera saath nibha nahi sakta- Best Urdu Ghazal by Nida Fazil in Hindi Font

क्या दुख है समंदर को बता भी नहीं सकता
आँसू की तरह आँख में आ भी नहीं सकता,.,!!

वैसे तो एक आँसू बहाकर मुझे ले जाए
ऐसे कोई तूफ़ान हिला भी नहीं सकता.,.,!!

तू छोड़ रहा है तो ख़ता इसमें तेरी क्या
हर शख़्स मेरा साथ निभा भी नहीं सकता.,.,!!!

Kya dukh hai samandar ko bata bhi nahi sakta
Aansoo ki tarah aankh me aa bhi nahi sakta

Vaise to ek aansoo baha kar mujhe le jaaye
Aise koi toofan hila bhi nahi sakta

Tu chhod rha hai to khata ismen teri kya
Har shaksh mera saath nibha bhi nahi sakta 

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उसको रुखसत तो किया था, मुझे मालूम न था,
सारा घर ले गया, घर छोड़ के जानेवाला.,.,!!!

Usko rukhsat to kiya tha, mujhe malum na tha
Sara ghar le gaya ,ghar chhod ke jaane wala

Bas Gayi mere ehsas me ye kaisi mahak- Urdu Ghazal

Bas Gayi mere ehsas me ye kaisi mahak- Urdu Ghazal


बस गयी है मेरे अहसास में ये कैसी महक.,.
कोई खुशबू मैं लगाऊं , तेरी खुशबू आये.,.,


मैंने दिन रात खुदा से ये दुआ मांगी थी.,.,
कोई आहट न हो दर पे मेरे और तू आये.,.,


उसने छोड़ कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया .,.,
मुद्दतों बाद मेरी आँख में आंसू आये .,.,.,!!!!


--------------------------------------------------------------- Bas gayi hai mere ehsasa me ye kaisi mahak
Koi khushboo main lagau, teri khushboo aaye

Maine din raat khuda se ye dua mangi thi
Koi aahat na ho dar pe mere aur tu aaye

Usne chhod kar mujhe patthar se fir insan kiya
Mudatton bad meri aankh me aansoo aaye

Mehfil-Most popular poetry of Dr. Kumar Vishwas - O Kalpvraksh ki sonjuhi

Mehfil-Most popular poetry of Dr. Kumar Vishwas - O Kalpvraksh ki sonjuhi

ओ कल्पवृक्ष की सोनजुही !
ओ अमलतास की अमलकली!
धरती के आतप से जलते..
मन पर छाई निर्मल बदली..!
मैं तुमको मधुसदगन्ध युक्त संसार नहीं दे पाऊँगा |
तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा ||
तुम कल्पवृक्ष का फूल और मैं धरती का अदना गायक ,
तुम जीवन के उपभोग योग्य ,मैं नहीं स्वयं अपने लायक ,
तुम नहीं अधूरी गजल शुभे ! तुम साम-गान सी पावन हो ,
हिम शिखरों पर सहसा कौंधी ,बिजुरी सी तुम मनभावन हो,
इसलिये , व्यर्थ शब्दों वाला व्यापार नहीं दे पाऊँगा |
तुम मुझको करना माफ ,तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा||
तुम जिस शय्या पर शयन करो ,वह क्षीर सिन्धु सी पावन हो ,
जिस आँगन की हो मौलश्री ,वह आँगन क्या वृन्दावन हो ,
जिन अधरों का चुम्बन पाओ ,वे अधर नहीं गंगातट हों ,
जिसकी छाया बन साथ रहो ,वह व्यक्ति नहीं वंशीवट हो ,
पर मैं वट जैसा सघन छाँह विस्तार नहीं दे पाऊँगा |
तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा||
मै तुमको चाँद सितारों का सौंपू उपहार भला कैसे ?
मैं यायावर बंजारा साधूँ सुर संसार भला कैसे ?
मै जीवन के प्रश्नों से नाता तोड तुम्हारे साथ शुभे !
बारूद बिछी धरती पर कर लूँ दो पल प्यार भला कैसे ?
इसलिये , विवश हर आँसू को सत्कार नहीं दे पाऊँगा |
तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा ||
ओ कल्पवृक्ष की सोनजुही......!


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O kalpvraksh ki sonjuhi
O amaltash ki amalkali

Dharti ke aatap se jalti
man par chhayi nirmal badli

Main tumko madhusugandh yukt sansar nahi de pau ga
Tum mujhko karna maaf tumhe main pyar nahi de pau ga

Tum kalpvraksh ka fool aur main dharti ka adna gayak
Tum dharti ke upbhog yogya mai swayam nahi apne layak

Tum nahi adhuri ghajal shubhe , tum sham gaan si pavan ho
Him shikahron pe sahsa kaundhim bijuri si manbhavan ho

Isliye vyarth shabdon wala vyapaar nahin de pau ga
Tum mujhko karna maaf tumhe main pyar nahin de pau ga

Tum jis shayya par shayan karo, wah chheer sindhu si pavan ho
Jis aangan ki ho maul shri, wah aangan kya vrindavan ho

Jin adharon ka chumban pao wo adhar nahin ganga tat ho
Jiski chhaya ban saath raho wah vyakti nahi vanshivat ho

Par main vat jaisa saghan chhanh vistar nahin de pau ga
Tum mujhko karna maaf tumhe main pyar nahin de pau ga

Main tumko chand sitaron ka saunpu uphar bhala kaise
Main yayawar banjara sandhu sur sansar bhala kaise

Main jeevan ke prashano se naata tod tumhare saath shubhe
Barood bichhi dharti par kar lun do pal pyar bhala kaise

Isliye vivash har aansoo ko satkar nahin de pau ga
Tum mujhko karna maaf tumhe main pyar nahin de pau ga

Urdu sher-best indian poets, shayar in Hindi Font

Urdu sher-best indian poets, shayar in Hindi Font

पहली मुलाकात थी और हम दोनों ही थे बस .,.,
वो जुल्फें न संभाल पाए , और हम खुद को .,.,!!!


Pahli mulakat thi aur ham dono hi the bas
Wo julfen na sambhal paaye aur ham khud ko

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वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है,
वो कोई गैर नहीं अपना ही रिश्तेदार होता है,
किसी से अपने दिल की बात कहना न कभी भूले से,
यहाँ ख़त भी जरा सी देर में अख़बार होता है.,.,!!!


Wo jiska teer chupke se jigar ke par hota hai
Wo koi gaur nahin apna hi rishtedar hota hai
Kisi se apne dil ki bat kahna na bhoole se
Yahan khat bhi jara si der me akhbar hota hai

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वो कहते हैं ,हम सूरते ए मुल्क बदलेंगे,
बरसो से जिन्होंने अपनी करवट नहीं बदली.,.,!!!


Wo kahte hain, ham soorat-e-mulk badle ge
Barson se jinhone ne apni karvat nahi badli

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उसने कहा था.....
"सुनो कि तबियत ठीक नहीं है ,
सुनो कि पूछो कैसी हूँ मैं ,
सुनो कि गुस्सा झूंट-मूट है ,
सुनो कि पहले जैसी हूँ मैं ..,..,!!!


Usne kaha tha
Suno ki tabiyat theek nahin hai
Suno ki poochho kaisi hu mai
Suno ki gussa jhunth mooth hai
Suno ki pahle jaisi hu main

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नादानी की हद है ,ज़रा देखो तो उन्हें .,.,
मुझे छोड़ कर वो ,मेरे जैसा ढूँढ रहे हैं .,.,!!!


Naadani ki had hai, jara dekho to unhe
Mujhe chhod kar wo mere jaisa dhund rahe hain

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हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कराना छोड़ दें .,.
ज़लज़लों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें .,.
तुमने मेरे घर न आने की कसम खायी तो है .,.,
अब आंसुओं से कह दो , आँखों में आना छोड़ दें .,.,!!!


Hadson ki jad pe hain to muskurana chhod de
Jaljalon ke khauf se kya ghar banana chhod de
Tumne mere ghar na aane ki kasam khayi to hai
Ab aansuon se kah do aankhon me aana chhod de

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दिल की ज़िद हो तुम ,
वरना ,
इन आँखों ने हसीन बहोत देखे हैं .,.,!!!


Dil ki jid ho tum varna in aankhon ne haseen bahot dekhe hain

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ये इलाज़ बताया है .,., हकीम ने उसे भुलाने का .,.,
के रफ्ता रफ़्ता तुम अपनी याद -दाश्त खो बैठो .,.,!!!



Ye ilaaj bataya hai haqeem ne use bhulane ka
Ke rafta rafta tum apni yaad-dasht kho baitho
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हमें आता है सुकून इसीलिए तेरे पास चले आते हैं साकी .,,.,
वरना कहने को तो और भी हैं ,मैखाने में तेरी आँखों के सिवा .,.,.!!!



Hame aata hai sukkon isiliye tere paas chale aate hain saaki
Varna kahne ko to aur bhi hai maikhane me teri aankhon ki siwa

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तेरे इश्क ने सरकारी दफ्तर बना दिया दिल को.,.,
ना कोई काम करता है,ना कोई बात सुनता है.,.,!!!



Tere ishq ne sarkari daftar bana diya dil ko
Na koi kaam karta hai, na koi baat sunta hai

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हर बात पे रंजिश हर बात पे 'हिसाब'
लगता है हमने 'इश्क' नहीं
'नौकरी' करली हो जैसे.,.,!!!



Har baat pe ranjish har baat pe hisaab
Lagta hai hamne ishq nahi
Naukari kar li ho jaise

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ये शरारत भरा लहजा तो मेरी आदत है,
तु हर एक बात पे,यों नम ना किया कर आँखें..,.!!!



Ye shararat bhara lahja to meri aadat hai
Tu har ek baat pe , yun nam na kiya kar aankhe

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अगर दिल ही मुअज्ज़न हो,सदायें काम आती हैं,
समंदर में सभी माफिक हवायें काम आती हैं ,
उसे आराम है, ये दोस्तों की मेहरबानी है ,
दुआएँ साथ हों तो सब दवायें काम आती हैं..,.,!!



Agar dil muajjan ho, sadayen kaam aati hain
Samandar me sabhi maafik hawayen kaam aati hain
Use aaram hai ye doston ki meharbani hai
Duaayen saath ho to sab dawaye kaam aati hai

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वो अपने साथ मुझे क़ैद कर के ले जाये
खुदा करे कोई ऐसा कसूर हो मुझसे .,.,.!!!



Wo apne saath mujhe kaid kar ke le jaaye
Khuda kare koi aisa kasoor ho mujhse

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ढूंढते हो क्या आँखों में कहानी मेरी ,.,
खुद में गुम रहना तो आदत है पुरानी मेरी .,.,!!!



Dhoondte ho kya aankhon me kahani meri
Khud me gum rahna to aadat hai purani meri

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वो आईने को भी हैरत में डाल देता है ,.,
किसी किसी को खुदा ये कमाल देता है ..,.!!!
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 



Wo aaine ko bhi hairat me dal deta hai
Kisi kisi ko khuda ye khayal deta hai

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तोहमतें तो लगती रहीं रोज़ नई नई.....हम पर....
मगर जो सब से हसीन इलज़ाम था वो .......तेरा नाम था....



Tohmaten to lagti rahi roj nayi nayi ham par
Magar jo sabse haseen iljaam tha wo tera naam tha

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हद -ए -बेबसी तो देखो ,.,
न तुम मेरी अपनी ,और ना मै अपना .,.,!!!



Had-e-bebasi to dekho 
Na tum meri apni aur na main apna

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अजीब सी आदत ,.,और गज़ब की फितरत है अपनी .,.
मोहब्बत हो या नफरत , बहोत शिद्दत से करते हैं .,.!!!


Ajeeb si aadat aur gajab ki fitrat hai apni
Mohabbat ho ya nafrat, bahot shiddat se karte hain

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खामोश बैठें तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं ..
ज़रा सा हँस लें तो मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं...,.,!!!


Khamosh baithe to log kahte hain udasi achhi nahin
Jara sa hans le to muskurane ki vajah poochh lete hain

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ऐ काश ,वो एक नया ढंग मेरे कत्ल का ईजाद करे .,.
मर जाऊ मैं हिचकियों से , वो इतना मुझे याद करे .,.,!!!


Ae kash wo ek naya dhang mere katl ka ijaad kare
Mar jau main hichkiyon se, wo itna mujhe yaad kare